सब धनवान गरीब हैं

 सब धनवान गरीब हैं 

पहुँच मौत के पास

वो नर ही धनवान हैं

जो हैं हरि के दास


लंकेश्वर क्या ले गए 

क्या कपीस गए छोड़

सदा विराजे साथ में 

ऐसे धन को जोड़

रे मनवा ऐसे धन को जोड़


माया को सब जग भजे 

हरि को भजे न कोय

मनवा जो हरि को भजे 

तो माया चेरी होय

रे मनवा माया चेरी होय


बूँद बूँद में दया हरि की 

बरसे अंबरसे

क्यों तू जाकर छुप गया हैं 

भीजन के डर से

रे मनवा भीजन के डर से

क्यों तू जाकर छुप गया हैं 

भीजन के डर से

रे  पगले भीजन के डर से


वृथा डोल रहा बन बन में 

पूछत दर दर से

मन मंदिर में राम बसे हैं 

क्यों न चरण परसे

रे मनवा क्यों न चरण परसे


तरो तेरे पास हैं

अपने माही टटोल 

राई घटे ना तिल बढ़े

हरि बोलो हरि बोल

रे मनवा हरि बोलो हरि बोल


राम नाम की लूट हैं

लूट सके तो लूट

अंत समय पछताएगा 

प्राण जाएँगे छूट

रे मनवा प्राण जाएँगे छूट


राम नाम की लूट हैं

लूट सके तो लूट

रे मनवा लूट सके तो लूट

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