मंगल फैलाए तेरा नाम हरि

मंगल फैलाए तेरा नाम हरि

तेरे नाम में आनंद आ जाए

दुःख चिंता सब मिट जाए

तेरे नाम में मन जो लग जाए


निर्मलता हरि नाम से मिलती

जप से भाग्य की रेखा बदलती

उसका जीवन धन्य हैं होता

गुरुदीक्षा जिसे मिल जाए

हरि नाम में आनंद आ जाए


जो भी मुख से नाम हैं जपता

नाम जपने से पाप हैं मिटता

बिगड़ी बने उसकी जीवन में

हरि हरि जो जपता जाए 

तेरे नाम में आनंद आ जाए


तारे हरि का नाम उसे जो

गुरूमुख हो हरि नाम जपे जो

हरि हरि प्रेम से जपता जाए

उद्धार हैं उसका हो जाए

हरि नाम में आनंद आ जाए


उसको शांति मिल जाती हैं

उसकी भ्रांति मिट जाती हैं

सब दोषों से मुक्त रहे वो

श्वासों में नाम जो बस जाए

हरि नाम में आनंद आ जाए


हितकारी तेरा नाम हैं जग में

असली धन यहीं हैं जीवन में

पावनकारी नाम हरि का

मंगलकारी नाम हरि का

सब सुखों की खान यहीं हैं

ये साधन जो आ जाए

हरि नाम में आनंद आ जाए


प्रेम गुरू का हैं जिस मन में

वो ही सफल हैं इस जीवन में

गुरू शरण में आए हैं जो भी

गुरूकृपा हैं मिल जाए

हरि नाम में आनंद आ जाए


मंगल करें हरि नाम सभी का

मंगल करें हरि नाम


राम नाम की हैं महिमा भारी

खुद जपते हैं शिव त्रिपुरारी

राम नाम की महिमा बताने

हनुमान बन आ जाए

हरि नाम में आनंद आ जाए

Audio


पंछिडा ओ पंछिडा

पंछिडा ओ पंछिडा

पंछिडा तू उड़ के जाना जोधपुर रे

मेरे साँई बापू से मिलके कहना जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू से मिलके कहना जल्दी आओ रे

पंछिडा ओ पंछिडा...


मेरे गाँव के साधक भाई जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू के लिए सुंदर हार लाओ रे

अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू से मिलके कहना जल्दी आओ रे

पंछिडा ओ पंछिडा...


मेरे गाँव के प्यारे भाई जल्दी आओ रे

ओ रायपुर के साधक भाई जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू के लिए सुंदर तिलक लाओ रे

अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू से मिलके कहना जल्दी आओ रे

पंछिडा ओ पंछिडा...


मेरे गाँव के प्यारे भाई जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू के लिए श्वेत वस्त्र लाओ रे

अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

मेरे प्यारे बापू से मिलके कहना जल्दी आओ रे

पंछिडा ओ पंछिडा...

Audio



ऐसा कोई संत मिले

 मेरा तार प्रभु से जोड़े 

ऐसा कोई संत मिले।।धृ।।


संत दरश के बडे महातम

दुर्लभ जग में संत समागम

मन का रास्ता मोड़े 

कि ऐसा कोई संत मिले

मेरा तार प्रभु से जोड़े ...


भटकत भटकत पथ नहीं मिलता

मन मेरा रोके नहीं रुकता

मेरे मन के भ्रम को तोड़े

कि ऐसा कोई संत मिले

मेरा तार प्रभु से जोड़े ...

Audio