आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की

 आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की

आशा पूरी करनेवाले स्वामी आसाराम की

आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की


मनभावन मुखड़ा हैं मधुर मधुर वाणी

सुनके वाणी होता हैं मंत्रमुग्ध प्राणी

जिसने सदा राह दिखाई हैं भक्तिधाम की

आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की


नैनों से करुणा के झरने हैं झरते

जिसके पास आने से पाप सभी डरते

ज्ञान की बातें बताता जो हैं बड़े काम की

आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की


जिसकी दया से हैं कष्ट दूर होते

संकटों के पर्बत हैं चूर चूर होते

हर दिशा में फैली हैं महिमा जिसके नाम की

आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की

आशा पूरी करनेवाले स्वामी आसाराम की

आरती उतारूँ मैं तो स्वामी आसाराम की

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