हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये

हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये
हुँ अधम आधीन अशरण अब शरण में लीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....

खा रहा गोते हुँ मैं भवसिंधु के मजधार में
आसरा कोई न देता, आप ही कुछ कीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....

मुझमे है जप-तप न साधन और ना कोई ज्ञान है
ज्ञान का दीपक जलाकर दिल को रौशन कीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....

पाप बोझे से लदी नैय्या भवर में आ रही
नाथ आओ अब बचाओ पार इसको कीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....

आप भी यदि छोड़ देंगे फिर कहाँ जाऊँगा मैं
जन्म के सारे दुःखों से मुक्त मुझको कीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....

सब जगह मैंने भटककर अब शरण ली आपकी
शरणागत की लाज रखलो, चरणों में रख लीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....
हुँ अधम आधीन अशरण अब शरण में लीजिये
हे मेरे गुरुदेव करुणासिंधु करूणा कीजिये.....

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