तकदीर सँवर गयी म्हारी

तकदीर सँवर गयी म्हारी
तकदीर सँवर गयी म्हारी
बापूजी थारे सत्संग में 
बापूजी थारे सत्संग में कहूँ सच मैं।।धृ।।
मुझे रत्नों की मिल गयी ढेरी
मन्ने रत्नों की मिल गयी ढेरी
बापूजी थारे सत्संग में 
बापूजी थारे सत्संग में कहूँ सच मैं
तकदीर सँवर गयी म्हारी...
हरि ॐ.. मेरी थी कोई नेक कमाई
मेरी थी कोई नेक कमाई
हो जी हो ..मेरी थी कोई नेक कमाई
जो आज मुझे ले आयी
बापूजी थारे सत्संग में 
बापूजी थारे सत्संग में कहूँ सच मैं
तकदीर सँवर गयी म्हारी...
हरि ॐ..जीवन क्या है ये जाना
जीवन क्या है ये जाना
हो जी हो.. जीवन क्या है ये जाना
मैने खुद को पहचाना
बापूजी थारे सत्संग में 
बापूजी थारे सत्संग में कहूँ सच मैं
तकदीर सँवर गयी म्हारी...
हरि ॐ.. शुभ वचन सुणे जब थारे
शुभ वचन सुणे जब थारे
हो जी हो..शुभ वचन सुणे जब थारे
मैने धाम देख लिए सारे
बापूजी थारे सत्संग में 
बापूजी थारे सत्संग में कहूँ सच मैं
तकदीर सँवर गयी म्हारी...



उमर चली खाली कर चली

उमर चली ,खाली कर चली 
हाँ ,हाँ , उमर चली, खाली कर चली 
काया की ये खोली...।।धृ।।
बस कुछ साँसे और बची है 
जाग मेरे हमजोली
उमर चली...

नैनों की खिड़की के काँच हुए मैले
अब वो चमक है कहाँ जो थी पहले 
मन के द्वार पे मैल है इतनी
देखके आत्मा डोली
उमर चली....

तुझको ये खोली हरि ने जब दी थी
नई नवेली थी साफ सुथरी थी
तूने इसके आँगन में पगले 
पाप की खेती बो ली
उमर चली....

माया के जाले कपट की है काई
तूने कभी की न इसकी सफाई
गया दशहरा गुजरी दिवाली
आके चली गयी होली
उमर चली...

नैनों की खिड़की के काँच हुए मैले
अब वो चमक है कहाँ जो थी पहले
मन के द्वार पे मैल है इतनी
देखके आत्मा डोली
उमर चली...



स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार

स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार
हमपर यूँ ही रहे बरसता सदा तुम्हारा प्यार...
साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे 
हो,साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे 
हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ

तेरे आँगन में मिलते हमें जीवन के सुख सारे 
तेरे ही दर्शन से कट जाते पाप हमारे
कहाँ मिलेगी ऐसी ज्योति इतना सुंदर द्वार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार....

मात-पिता तुम मेरे तुम संगी- साथी सहारे
अब मेरा यह जीवन चरणों में रहे तुम्हारे
तेरी पूजा कर न सका तो जीवन है बेकार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार...

जब जब कष्ट हुए है तुमने ही कष्ट निवारे
तुमही हो जीवन साथी तुम ही भगवान हमारे
इसी जनम में कर दो साँई हमको भव से पार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार....

ऋषि मुनि पाते है जो आनंद शांति अपार
वोही आनंद हमें मिलता है कर सतगुरु के दीदार
बापू का ये प्यार न रूठे ना छूटे गुरुद्वार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार
हमपर यूँ ही रहे बरसता सदा तुम्हारा प्यार
साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे 
हो,साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे 
हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ

सद्गुरु सा ना कोई जगत में

सद्गुरु सा ना कोई जगत में ,उनका ही गुण गान करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....

गुरु रूप में शिवजी आए, करने भक्तों का उद्धार
महिमा इनकी न जाने कोई, इनके तो है रूप हजार
दर्शन गुरु के करो हमेशा,सुबह सवेरे जाप करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....

मुनी पुत्र होकर शुकजी ने जनक को गुरु बनाया था
लहणा की थी भक्ति गुरु में गुरु अंगद कहलाया था
गुरुभक्ति में मन को लगाकर तृष्णाओं का नाश करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....

महँगीबा का आसू प्यारा देखो आज है संत महान
लाखों शीश शरण में झुकते हम सबके है वो है भगवान
ज्ञान गंग में गुरु के साधक सतत सभी स्नान करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
सद्गुरु सा ना कोई जगत में ,उनका ही गुण गान करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....


हे गुरुदेव मेरी कुटिया को

हे गुरुदेव मेरी कुटिया को मंदिर कभी बना जाना
जैसे कृपा की थी शबरी पे वैसे दरस दिखा जाना
हे गुरुदेव मेरी कुटिया को मंदिर कभी बना जाना...

बनकर श्याम ,बनकर श्याम सुदामाजी को जैसे तुमने तारा था
बैठके नैय्या,बैठके नैय्यामें केवट की उसको पार उतारा था
अगर किसी दिन,अगर किसी दिन फुरसत हो तो 
मेरे भाग्य जगा जाना
हे गुरुदेव मेरी कुटिया को.. 

पारस है,पारस है श्रीचरण तुम्हारे मुझको सोना कर देंगे
निर्मल पावन,निर्मल पावन इस कुटिया का 
हर एक कोना कर देंगे
अपने चरणों,अपने चरणों की रज
 देकर मेरा मान बढ़ा जाना
हे गुरुदेव मेरी कुटिया को मंदिर कभी बना जाना
जैसे कृपा की थी शबरी पे वैसे दरस दिखा जाना
हे गुरुदेव मेरी कुटिया को मंदिर कभी बना जाना...

गुरुदेव प्रार्थना है

गुरुदेव प्रार्थना है 
अज्ञानता मिटा दो,सच्ची डगर दिखा दो
श्री सतगुरु शरणम,श्री सतगुरु शरणम,श्री सतगुरु शरणम

हम है तुम्हारे बालक,कोई नही हमारा
मुश्किल पड़ी है जब भी,तुमने दिया सहारा
चरणों में अपने रख लो,चन्दन हमें बना दो
गुरुदेव प्रार्थना है ....

पूजन का तेरे गुरुवर अधिकार चाहते है
थोडासा हम भी तेरा बस प्यार चाहते है
मन में हमारे अपनी सच्ची लगन लगा दो
गुरुदेव प्रार्थना है ....

अच्छे है या बुरे है जैसे भी है तुम्हारे
मुमकिन नही है अब हम किसी और को पुकारे
अपना बना के हमको अपना वचन निभा दो 
गुरुदेव प्रार्थना है 
अज्ञानता मिटा दो,सच की डगर दिखा दो
ॐ सतगुरु शरणम,ॐ सतगुरु शरणम,ॐ सतगुरु शरणम


गुरुदेव मेरे प्यारे तेरे सहारे

गुरुदेव मेरे प्यारे तेरे सहारे
जीवन अपना बिताना है हमें
जिंदगी का साथ निभाना है हमें।।धृ।।
हम जानते है तुम्हें मानते है
प्रेम का दीप जलाना है हमें
जीवन सफल बनाना है हमें
गुरुदेव मेरे प्यारे तेरे सहारे...

पल पल बीता जाए जीवन
हम कुछ कर ना पाए
मोह माया में फँस के रह गए
अब तो दिल ये चाहे
समय का डर और काल की चिंता
हमको नही सताए
राग द्वेष सब दूर हो मनसे
विपदा नही रुलाए
अज्ञानता मिटा दो,कोई ऐसी दवा दो
जिंदगी से दर्द को मिटाना है हमें
रोते हुए को हँसाना है हमें
हम जानते है तुम्हें मानते है
प्रेम का दीप जलाना है हमें
जीवन सफल बनाना है हमें
गुरुदेव मेरे प्यारे ...

ABCD याद रही अपनी भाषा ना जानी
सन 47 भूल गए पर भूले नही गुलामी
कोई किसीकी बात न माने सब करते मनमानी
पश्चिम के चक्कर में फँसकर करते रहे नादानी
है सबसे प्यारी, ये भाषा हमारी
सबके जुबान पे लाना है हमे
जीवन सफल बनाना है हमें
हम जानते है तुम्हें मानते है
प्रेम का दीप जलाना है हमें
जीवन सफल बनाना है हमें
गुरुदेव मेरे प्यारे ...

उनका कैसे होगा भला जो गुरुवर को ही भूले
बिना ज्ञान के कैसे कोई आसमान को छू लें
कलियुग का है असर के देखो दुनिया उल्टी घूमे
अहं की ऊँची डाल पे बाँधे अहंकार के झूले
है प्रार्थना हमारी ,करो रखवारी
सच्चाई का रास्ता दिखाना है हमें
चरणों में अपने बिठाना है हमें
हम जानते है तुम्हें मानते है
प्रेम का दीप जलाना है हमें
जीवन सफल बनाना है हमें
गुरुदेव मेरे प्यारे ...

गुरुवर तुम बिन मोक्ष न मिलता अब हमने ये जाना
सारी दुनिया ढूँढ के आखिर में तुमको पहचाना
गुरुवर सच्चा नाम ये तेरा सुखों का खजाना
नूरानी सूरत ने तेरी कर दिया हमें दिवाना
इंसाफ कर देना माफ कर देना
भटके को रास्ते पे लाना है हमें
जिंदगी का साथ निभाना है हमें
हम जानते है तुम्हें मानते है
प्रेम का दीप जलाना है हमें
जीवन सफल बनाना है हमें
गुरुदेव मेरे प्यारे ...

गुरु चरणों की करूँ वंदना

गुरुचरणों की करूँ वंदना
गुरु को हर दिन ध्याऊँ
यही मेरी कामना है....
गुरुचरणों की धूल बनू मैं
जीवन सफल बनाऊँ
यही मेरी कामना है।।धृ।।
गुरु के चरण को तजके
बोलो जहाँ में कहाँ जाऊँ मैं
आँखे खुले जो मेरी
दर्शन गुरु के सदा पाऊँ मैं
गुरु के चरण को तजके
बोलो जहाँ में कहाँ जाऊँ मैं
मन को अपने मंदिर कर लूँ
गुरुवर को बैठाऊँ
यही मेरी कामना है
गुरुचरणों की करूँ वंदना
गुरु को हर दिन ध्याऊँ
यही मेरी कामना है....
पापों का सागर दुनिया
गुरु का सहारा मुझे चाहिए
जानू ना जंतर मंतर
जानू ना जंतर मंतर
नाम तुम्हारा मुझे चाहिए
मैं अज्ञान के अंधकार में
ज्ञान का दीप जलाऊँ
यही मेरी कामना है
गुरुचरणों की करूँ वंदना
गुरु को हर दिन ध्याऊँ
यही मेरी कामना है....
दुनिया से टूटे नाता
गुरुवर से नाता नही तोडना
छूटे जमाना चाहे
छूटे जमाना चाहे 
गुरु के चरण को नही छोड़ना
दुनिया से टूटे नाता
गुरुवर से नाता नही तोडना
जब भी दूँ आवाज गुरु को
सदा सामने पाऊँ 
यही मेरी कामना है....
गुरुचरणों की करूँ वंदना
गुरु को हर दिन ध्याऊँ
यही मेरी कामना है....
गुरुचरणों की धूल बनू मैं
जीवन सफल बनाऊ
यही मेरी कामना है...

अटको अगर तुम भटको अगर तुम

अटको अगर तुम, भटको अगर तुम
ना बन पाए काम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...।।धृ।।
गम की सुबह हो ,दुःख की दोपहरी
या खुशियों की श्याम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...

वेद पुराण ने आदि काल से गुरुमहिमा गाई
ब्रम्हा हो या विष्णु सबको गुरुभक्ति भाई
गुरुचरणों की कृपा से माटी चंदन हो जाए
गुरुद्वार से भक्त गुरु का जो चाहे पाए
गुरुका, जो चाहे पाए
गुरुवंदन करूँ,गुरु को नमन करूँ
सुबह हो चाहे श्याम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...

गुरुकृपा से मन का सारा दोष निकल जाए
जैसे लोहा पारस छूकर कंचन बन जाए
गुरु चरणों में अर्पित कर दे हर सुख दुःख प्राणी
गुरु की महिमा को जो समझे वो सच्चा ज्ञानी
ज्ञानी,वो सच्चा ज्ञानी
जल में या थल में,चल में अचल में
गुरुवर आए काम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...

गुरुबिन ज्ञान नही मिलता है ,मनो ना मानो
ईश्वर को पाना है तो तुम गुरु को पहचानो
सच्चे मन से जो गुरुवर का सुमिरन कर लेता है
उसके मन में गुरुज्ञान अमृत भर देता है
राम ने पाया,कृष्ण ने पाया
गुरुचरणों से ज्ञान,ले लो तुम गुरुवर का नाम...
अटको अगर तुम...