तेरी मर्जी तू ही जाने





तेरी मर्जी तू ही जाने, तेरी मर्जी तू ही जाने
तू अलमस्त कबीरा हैं
तू ही रामा तू ही मौला, तू ही मस्त फकीरा हैं ।। धृ ।।

   
हर युग में अवतार हैं डरते,  कैसी तेरी माया है
   
बड़भागी हैं रब को हमने  गुरु रूप में पाया हैं
   
तेरी रेहमत हो गयी तो पापी भव तर जाते हैं
   
लख चौरासी छूट गए जो तेरे दर्शन पाते हैं
    
जग में सुन्दर हैं एक नाम साँई साँई आशाराम
कर दे सबके पूरण काम साँई साँई आशाराम
तू नानक तू पीर मोहमद तू  कृष्णI तू मीरा हैं
तू ही रमा..........


कैसा तेरा रूप हैं तेरी कैसी ये सच्चाई हैं
  
ब्रम्ह ज्ञान का दीप जलाने दिव्य चेतना आयी है
   
मिले कृपा जो गुरुदेव की  परमानन्द को पाते हैं
  
ब्रम्हभाव प्रगटाके गुरूवर ज्योत से ज्योत जलाते हैं
 
जग में सुन्दर हैं एक नाम साँई साँई आशाराम
करदे सबके पूरण काम साँई साँई आशाराम
पर उपकार है करने आए ,पर उपकार है करने आए
हरते सबकी पीडा हैं
तू ही रमा.........
    
गुरुदेव के नाम का कीर्तन गुरुस्वरूप समाना है

गुरु का कीर्तन शिव का कीर्तन कहते ये भगवाना हैं
    
गुरु दीक्षा से कर्म सफल हो गुरु बिन जीव अज्ञानी है
    
जिनकी कृपा से ब्रम्ह है मिलता वो गुरु अमृतवाणी हैं

जग में सुन्दर हैं एक नाम साँई साँई आशाराम
कर दे सबके पूरण काम साँई साँई आशाराम
करते बेडा पार सभीका टूटे जगजंजीरा हैं
तू ही रमा........


गुरूकृपा है जिनपर होती वो धन बल को पातें हैं
 
गुरुकृपा से ब्रम्हा विष्णू शिव जग को संभाले हैं
 
मैँ सबमें हूँ मुझमें सब हैं आत्म स्वरुप दिखलातें हैं
 
ऐसे श्री सद्गुरु के चरणों में हम शीश झुकाते हैं

जग में सुन्दर हैं एक नाम साँई साँई आशाराम
तू धरती तू आसमान हैं, तू धरती तू आसमान हैं
तू अग्नि तू समीरा हैं
तू ही रामा.......


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