रहती है सदा बहार सदगुरु के चरणों में



रहती है सदा बहार सदगुरु के चरणों में
बहती है आनंद धार सदगुरु चरणों में

सदगुरु दाता दीन दयालू-ब्रम्हज्ञानी हैं नाथ कृपालू
कर लेंगे स्वीकार – सदगुरु चरणों में

घट-घट के वो अंतर्यामी हम दीनों के वो हैं स्वामी
नारायण अवतार – सदगुरु - - -

गुरु मिलने में देर नही है – देर नहीं अंधेर नहीं है
साँचा है दरबार – सदगुरु - - -

सदगुरु द्वारा बड़ा ही प्यारा – ये तीर्थ है सबसे न्यारा
है स्वर्ग यही साकार – सदगुरु - - -

जहाँ आने को देव भी तरसे – पापी से पापी भी तरते
पल में हो दीदार – सदगुरु - - -

सब ग्रंथों का सार यही है – गुरु बिन उद्धार नही है
है यही मोक्ष का द्वार – सदगुरु - - -

गुरु नाम का ले लो सहारा – लग जाए चाहे जीवन सारा
ये जन्म न हो बेकार – सदगुरु - - -

प्रेम भाव से शीष झुकालो – सदगुरु की महिमा गालो
दिल से करो पुकार – सदगुरु - - -

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