साथी सावधान हो जाना


साथी सावधान हो जाना 
साथी सावधान हो जाना

जग में दिख रहे जो सहारे
तन धन जन है नश्वर सारे
जो मिलते वो छूट जाते है
इनमे अपना मन ना फ़ँसाना

सुखासक्ति दुखो की माता
सकल दोष ही दुःख पाता
दोष त्याग के लिए सजग हो
मन से अनासक्ति ना भुलाना

नाम रूप प्रभु की माया है
अहंकार उसकी छाया है
माया छाया जिसके आश्रित
उसे प्रेम में ही पाना

जो दिखता वो सत्य नहीं है
जो  देखता  सत्य वही है
पथिक वही विश्राम पा सका
जिसने दृष्टा को पहचाना

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