गंगा किनारे आये गुरु प्यारे


हर हर हर महादेव
गंगा किनारे आये गुरु प्यारे, हर्षित हुए हैं साधक ये सारे
झर-झर बहता गंगा का पानी, मधुर मधुर है बापू की वाणी

गंगा स्नान की महिमा भारी, गुरु चरणों में दुनिया हमारी
कैसी है आई बेला ये प्यारी, लगता है पा ली खुशियाँ सारी  
गंगा किनारे.........

गंगा में तन की मैल  है धुलती, गुरु चरणों में शांति है मिलती
राग और द्वेष की शम्मा है बुझती, इस दर पे है किस्मत खुलती
गंगा किनारे.........

गुरु सम कोई पोषक नहीं है, गंगा ही नदियों में श्रेष्ठ नदी है
दोनों का सानिध्य हमको यहीं है, ऐसा निराला सुख ना कहीं है
गंगा किनारे.........

हरिद्वार की ये पवन नगरी, बापू के आने से और है संवरी
जीवन की है मुश्किल डगरी, आओ भर लें भक्ति से डगरी
गंगा किनारे.........
 
गुरु बिन सूना जहाँ ये सारा, करते गुरु ही हित हैं हमारा
गुरु के नाम ने कितनों को तारा, गुरु दर्शन सम कोई ना नज़ारा
गंगा किनारे.........
बापू हमारे सबसे हैं न्यारे, कष्ट मिटाते जो भी पुकारे...........

हम नहीं इनकी किरपा के काबिल, फिर भी है चाहता इनको ही ये दिल
इनकी रहमत जाए अगर मिल, रहता नहीं कुछ करने को हासिल
गंगा किनारे.........

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