मेरे देवा सदगुरु देवा



मेरे देवा सदगुरु देवा,
सारी उमर करूँ मैं तेरी सेवा
जय-जय सतगुरु देव
प्रेमीसभी हरि गुण गाओ
और जीवन सफल बनाओ
जय-जय सतगुरु देव
गुरु तीन लोक के स्वामी
और घट-घट अंतर्यामी
जय-जय सतगुरु देव
गुरु अजर अमर अविनाशी
खुद आये वैकुण्ठ वासी
जय-जय सतगुरु देव
गुरु सब देवन के देवा
गुरु नानक और महादेव
जय-जय सतगुरु देव
हम सब सेवक बड़भागी
गुरु भक्ति हमें प्रिय लागी जय-जय सतगुरु देव
गुरु अंतर ज्योत जगावें
दिल में दिलबर दिखलावें
जय-जय सतगुरु देव
करो सेवा गुरूजी की सेवा
मिले प्रेम भक्ति का मेवा
जय-जय सतगुरु देव
हरि , हरि , हरि
राम सिया राम, राम सिया राम

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