सफलता तेरे चरण चूमेगी


पीछे मुडके क्या देखे है, आगे बढ़ता चल
सफलता तेरे चरण चूमेगी, आज नहीं तो कल

तू मीरा जैसी भक्ति कर, तू किसी भी दुःख से कभी ना डर
तो जनम-जनम के फिर ना मर, तरेंगे तुझको बस गुरुवर
गुरुभक्ति को तू पा ले, आये ना फिर ये पल, सफलता...........

वीर शिवाजी जैसा बन, तू भक्ति करने वाला बन
तू ध्रुव के जैसा आज चमक प्रह्लाद के जैसा प्यारा बन
बीती बातों को क्या सोचे, आगे बढ़ता चल, सफलता ............

तू शक्ति अपनी जान ले तू, तू खुद को ही पहचान ले
कहना तू गुरु का मान ले, ऊँचा उठने की ठान ले
तेरे भीतर ही छुपा है, ईश प्राप्ति का बल, सफलता.............

तू प्रीति अपनी बढाता जा, तू आनंद शांति पाता जा
तू गुरु में मन को लगाता जा, जीवन तू अपना सजाता जा
गुरु भक्ति को अभी तू पा ले, आये ना फिर ये पल, सफलता..........

तेरे भीतर अमर खज़ाना है, बस परदे को ही हटाना है
बुद्धि शक्ति को बढ़ाना है, बस ईश्वर को ही पाना है
करनी जैसी भी तू करेगा, पायेगा उसका फल, सफलता...........

गुरु प्रेम में डुबकी लगाये जा, गुरु मंत्र को कवच बनाये जा
तू ज्ञान का अमृत पाए जा, गुरुवर के गुण ही गाये जा
जन्मों से तू भटक रहा है, अब तो ज़रा संभल, सफलता
............

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