गुरुवर तुम्हारी प्रीत प्यारी


गुरुवर तुम्हारी प्रीत प्यारी, सारे जग से गुरुवर ये निराली
दर्शन जो तेरा करते हैं, किस्मत उसी की जगमगाती

तुम ही औढरदानी, तेरी भक्ति है कल्याणी
तेरी मधुर है वाणी, सुन धन्य हुआ हर प्राणी

तुम ही हो अंतर्यामी, तेरे दिल में जगह बनानी
तुमसे महकी जिन्दगानी, शक्ति तेरी है रूहानी

इस यौवन की ये रवानी, होगी इक दिन तो पुरानी
हो जायेगी खत्म कहानी, गर तेरी बात न मानी

तेरी कृपा हमें पानी, तुमसे ही लगन लगानी
दृष्टि तेरी है ये सुहानी, तेरे नाम की ज्योत जगानी

तुझमें प्रीती है बढ़ानी, श्रद्धा जीवन में है लानी
तेरी मूरत मन में बिठानी, तुम संग ही डोर बँधानी

हम तेरे हैं आभारी, तुम सबसे हो उपकारी
तुम ही हो मंगलकारी, हम तो हैं शरण तुम्हारी

तुम ही इबादत मेरी, सेवा करूं मैं तेरी
ये तन है राख की ढेरी, ये जीवन रैन अन्धेरी

तुम सीधे सच्चे साईं, तुमने है तृप्ति दिलाई
तुम्हे पा के जन्नत पाई, तुम सदा सभी के सहाई


तेरी लीला सबसे न्यारी, तुमसे खुशियाँ है सारी



तुमसे हर आस हमारी, तुम ही परम हितकारी


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