नारायण नारायण श्री मन नारायण


नारायण नारायण श्री मन नारायण नारायण नारायण
 
तेरे चहरे से कैसे नजरें हटाऊँ
तुम्ही प्राण धन अपने दिल में बसाऊँ
भावों को शब्दों में कैसे हम गायें
चरणों में बस तेरे शीश झुकाएं

नारायण नारायण श्री मन नारायण नारायण नारायण

तुम्ही साथी सच्चे तुम्ही नाथ मेरे
तुम्ही ने मिटाए जीवन से अँधेरे
झूठे है बंधन ये माया के घेरे
मिटे सारे दुःख आके द्वारे तेरे

नारायण नारायण श्री मन नारायण नारायण नारायण
 हितैषी ना जग में है कोई हमारा
तेरा ही तो गुरुवर है हमको सहारा
बिखरे थे हम हमको तुमने उबारा
अहसान है ये तो गुरुवर तुम्हारा 

नारायण नारायण श्री मन नारायण नारायण नारायण

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